कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पुलिस और पालिका के कर्मचारी और अधिकारी जनता से नियमों का पालन सख्ती से करवा रहे हैं. नियमों का उल्लंघन करने पर धड़ाधड़ चालान बनवा रहे हैं. लेकिन जब मेयर ही मनमानी करेंगी तो जनता कहां तक सुनेगी? सभाओं के लिए हॉल के सीटिंग अरेंजमेंट्स को लेकर कुछ निश्चित नियम बनाए गए हैं. किसी भी कार्यक्रम में दो सौ लोगों की हाजिरी ही हो सकती है. और दो सीटों के बीच एक सीट का फ़र्क रखना ज़रूरी है. हर चेहरे पर मास्क होना जरूरी है. लेकिन पिंपलगुरव में स्थित नीलू फुले थिएटर में सोमवार की शाम कोरोना के नियमों का सरेआम उल्लंघन होता हुआ दिखाई दिया.
मेयर ऊषा धोरे के चेहरे पर मास्क नहीं दिखा. मंच के सामने पहली रो में बैठे माननीय सदस्यगण भी बिना मास्क के दिखाई दे रहे थे. गणमान्य सदस्यों में भाजपा नेता उमा खापरे, नगरसेविका करुणा चिंचवडे और शारदा सोनवणे उपस्थित थीं. गाने बज रहे थे, कार्यक्रम चल रहा था. नियमों का मजाक बन रहा था. कोरोना बढ़ रहा था.